गहरी नर्मदा न गेहरो पानी भजन लिरिक्स, Gahri Narmada Ni Gehro Pani Lyrics

Gahri Narmada Ni Gehro Pani Lyrics

गहरी नर्मदा न गेहरो पानी भजन लिरिक्स


गहरी नर्मदा न गेहरो पानी,
ओ गहरी नर्मदा ने गेहरो पानी,
देखी न जीव घबराये हो,
मैय्या पार लगाऊजो ॥

काम क्रोध काच मच बसत है,
ए लोभ को मगर देखाय हो,
मैय्या पार लगाऊजो,
गहरी नर्मदा ने गेहरो पानी,
देखी न जीव घबराये हो,
मैय्या पार लगाऊजो ॥

सत की नाव केवटीया सतगुरु,
सुमिरण नाम आधार हो,
मैय्या पार लगाऊजो,
गहरी नर्मदा ने गेहरो पानी,
देखी न जीव घबराये हो,
मैय्या पार लगाऊजो ॥

धर्मी धर्मी पार उतरिया,
पापी डूबियाँ मजधार हो,
मैय्या पार लगाऊजो,
गहरी नर्मदा ने गेहरो पानी,
देखी न जीव घबराये हो,
मैय्या पार लगाऊजो ॥

गहरी नर्मदा न गेहरो पानी,
ओ गहरी नर्मदा ने गेहरो पानी,
देखी न जीव घबराये हो,
मैय्या पार लगाऊजो ॥


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