Top 10 Vinod Agarwal Bhajan Lyrics | विनोद अग्रवाल भजन लिरिक्स

Vinod Agarwal Bhajan Lyrics


विनोद अग्रवाल भजन लिरिक्स


1. मेरे दिल में रहने वाले मुझसे नकाब क्यों भजन लिरिक्स


मेरे दिल में रहने वाले मुझसे नकाब क्यों ,
इतना मुझे बता दे मुझसे नकाब क्यों ,

मैंने तो ये सुना तुम हो दया के सागर ,
लाखो को तुने तारा मुझसे जबाब क्यों,
मेरे दिल में ....

मेरे गुन्हा है लाखो ये भी तो मैंने माना,
औरों से कुछ न पूछा मुझसे हिसाब क्यों ,
मेरे दिल ........

तूने जिसे अपनाया उसको खुदा बनाया,
उनका नशीब अच्छा मेरा खराब क्यों,
मेरे दिल में .......

आजाद के अंदर भी है कुछ तो कमाल तेरा,
बेहद का है तू दरिया तू फिर बेनकाब क्यों,
कईओं को पास रखा कई दूर तुमने रखे,
समदरसी नाम तेरा फिर ऐसा जनाब क्यों
इतना मुझे बता दे ......


2. गोपाल मुरलिया वाले नंदलाल मुरलिया वाले भजन लिरिक्स


गोपाल मुरलिया वाले,
नंदलाल मुरलिया वाले,
गोपाल मुरलीया वाले,
नंदलाल मुरलिया वाले,
श्री राधा जीवन नीलमणि,
गोपाल मुरलिया वालें,
गोपाल मुरलीया वाले,
नंदलाल मुरलिया वाले,
श्री राधा जीवन नीलमणि,
गोपाल मुरलिया वाले ॥

जिन्हे देखने के लिए हम,
जिए जा रहे है,
वे परदे पे पर्दा,
किए जा रहे है,
मैं मर तो लिया होता,
कबका मुरारी,
तेरे वादे सहारा,
किए जा रहे है,
उठालोगे पर्दा,
कभी रहम खाकर,
इसी आस पर,
हम जिए जा रहे,
मेरी ज़िंदगानी,
अमानत है तेरी,
तेरे नाम अर्पण,
किए जा रहे है,
कन्हैया मेरा दिल,
हिफाजत से रखना,
तुम्हे अपना समझकर,
दिए जा रहे है,
गोपाल मुरलीया वाले,
नंदलाल मुरलिया वाले,
श्री राधा जीवन नीलमणि,
गोपाल मुरलिया वाले ॥

गोपाल मुरलीया वाले,
नंदलाल मुरलिया वाले,
गोपाल मुरलिया वाले,
नंदलाल मुरलिया वाले,
श्री राधा जीवन नीलमणि,
गोपाल मुरलीया वाले,
गोपाल मुरलीया वाले,
नंदलाल मुरलिया वाले,
श्री राधा जीवन नीलमणि,
गोपाल मुरलिया वाले ॥


3. छुपे बैठे हो कण कण मे भला मे केसे पहचानु भजन लिरिक्स


छुपे बैठे हो कण कण मे,
भला मैं कैसे पहचानु,
दुई का दूर कर पर्दा,
सामने आओ तो जानु ॥

छुपे माया के पर्दे मे,
क्या मुझसे शर्म आती है,
ये घुंघट दर्मिया पर्दा,
हटा दोगे तो मैं जानु,
दुई का दूर कर पर्दा,
सामने आओ तो जानु ॥

सुना है चाहने वालों से,
हसीनों से हसीं हो तुम,
तो चेहरे से जरा चिल्मन,
हटा दोगे तो मैं जानु,
दुई का दूर कर पर्दा,
सामने आओ तो जानु ॥

ये सुरज चांद से ज्यादा,
अजब जो नूर हे तेरा,
मेरे दिल में वही ज्योति,
जगा दो तो मैं जानु,
दुई का दूर कर पर्दा,
सामने आओ तो जानु ॥

अंधेरी रात कत्ति दूर,
नैय्या भी भंवर मे है,
मेरी नैया किनारे से,
लगा दोगे तो मैं जानु,
दुई का दूर कर पर्दा,
सामने आओ तो जानु ॥

छुपे बैठे हो कण कण मे,
भला मैं कैसे पहचानु,
दुई का दूर कर पर्दा,
सामने आओ तो जानु ॥


4. कन्हैया को एक रोज रो के पुकारा भजन लिरिक्स


कन्हैया को एक रोज रो के पुकारा,
कृपा पात्र किस दिन बनूँगा तुम्हारा ॥

मेरे साथ होता है प्रतिक्षण तमाशा,
है आंखों में आंसू और दिल में निराशा,
कई जन्मों से पथ पे पलकें बिछाई,
ना पूरी हुई एक भी दिल की आशा,
सुलगती विरह की करो आग ठंडी,
भटकती लहर को दिखा दो किनारा,
कन्हैंया को एक रोज रो के पुकारा,
कृपा पात्र किस दिन बनूँगा तुम्हारा ॥

कभी बांसुरी लेके इस तट पे आओ,
कभी बनके घन मन के अंबर पे छाओ,
बुझा है मेरे मन की कुटिया का दीपक,
कभी करुणा दृष्टि से इसको जलाओ,
बता दो कभी अपने श्री मुख कमल से,
कहाँ खोजने जाऊँ अब और सहारा,
कन्हैंया को एक रोज रो के पुकारा,
कृपा पात्र किस दिन बनूँगा तुम्हारा ॥

कुछ है जो हुस्न पे नाज करते हैं,
कुछ है जो दौलत पे नाज करते हैं,
मगर हम गुनहगार बन्दे है ऐ कन्हैया,
सिर्फ तेरी रहमत पे नाज करते है।

कभी मेरी बिगड़ी बनाने को आओ,
कभी सोये भाग जगाने तो आओ,
कभी मन की निर्बलता को बक्शों शक्ति,
कभी दिल का साहस बढ़ाने तो आओ,
कभी चरण अपने धुलाओ तो जानू,
बहा दी है नैनों से जमुना की धारा,
कन्हैंया को एक रोज रो के पुकारा,
कृपा पात्र किस दिन बनूँगा तुम्हारा ॥

लटकते हुए बीत जाए ना जीवन,
भटकते हुए बीत जाए ना जीवन,
चौरासी के चक्कर में हे चक्रधारी,
भटकते हुए बीत जाए ना जीवन,
संभालो ये जीवन ऐ जीवन के मालिक,
मेरा कुछ नहीं आप जीते मैं हारा,
कन्हैंया को एक रोज रो के पुकारा,
कृपा पात्र किस दिन बनूँगा तुम्हारा ॥

कहो और कब तक रिझाता रहूं मैं,
बदल कर नए वेश आता रहूं मैं,
कथा वेदना की सुनते सुनाते,
हरे घाव दिल के दिखाता रहूं मैं,
ना मरहम लगाओ ना हंस कर निहारो,
कहो किस तरह होगा अपना गुजारा,
कन्हैंया को एक रोज रो के पुकारा,
कृपा पात्र किस दिन बनूँगा तुम्हारा ॥

कन्हैया को एक रोज रो के पुकारा,
कृपा पात्र किस दिन बनूँगा तुम्हारा ॥


5. ना जी भर के देखा ना कुछ बात की भजन लिरिक्स


ना जी भर के देखा, ना कुछ बात की,
बड़ी आरजू थी, मुलाक़ात की,
करो दृष्टि अब तो, प्रभु करुणा की,
बड़ी आरजू थी, मुलाक़ात की ॥

गए जब से मथुरा वो, मोहन मुरारी,
सभी गोपियाँ बृज में, व्याकुल थी भारी,
कहा दिन बिताया, कहाँ रात की,
बड़ी आरजू थी, मुलाक़ात की ॥

चले आओ अब तो, ओ प्यारे कन्हैया,
यह सूनी है कुंजन, और व्याकुल है गईया,
सूना दो इन्हें अब तो, धुन मुरली की,
बड़ी आरजू थी, मुलाक़ात की ॥

हम बैठे हैं गम उनका, दिल में ही पाले,
भला ऐसे में खुद को, कैसे संभाले,
ना उनकी सुनी, ना कुछ अपनी कही,
बड़ी आरजू थी, मुलाक़ात की ॥

तेरा मुस्कुराना, भला कैसे भूलें,
वो कदमन की छैया, वो सावन के झूले,
ना कोयल की कू-कू, ना पपीहा की पी,
बड़ी आरजू थी, मुलाक़ात की ॥

तमन्ना यही थी की, आएंगे मोहन,
मैं चरणों में वारुंगी, तन मन यह जीवन,
हाय मेरा कैसा ये, बिगड़ा नसीब,
बड़ी आरजू थी, मुलाक़ात की ॥


6. मेरे मोहन तेरा मुस्कुराना भूल जाने के काबिल नहीं हैभजन लिरिक्स


मेरे मोहन तेरा मुस्कुराना,
भूल जाने के काबिल नहीं है,
मेरे मोहन तेरा मुस्कुराना
भूल जाने के काबिल नहीं है,
चोट खाई है जो दिल पे मैंने,
वो दिखाने के काबिल नहीं है,
मेरे मोहन तेरा मुस्कुराना,
भूल जाने के काबिल नहीं है ॥

जबसे देखा है जलवा तुम्हारा,
कोई आँखों को जचता नहीं है,
यूँ तो देखे बहुत नूर वाले,
सारे आलम में तुझसा नहीं है,
मेरे मोहन तेरा मूस्कुराना,
भूल जाने के काबिल नहीं है ॥

मोहब्बत का तकाजा यही है,
ना तुम बदलो हमसे,
ना हम बदले तुमसे,
तुम तो ऐसे बदलने लगे हो,
आज तक कोई बदला नहीं है,
मेरे मोहन तेरा मूस्कुराना,
भूल जाने के काबिल नहीं है ॥

तेरी सूरत पे कुर्बान जाऊं,
तेरी आँखे है या मय के प्याले,
जिनको नजरो से तुमने पिलाई,
होश आने के काबिल नहीं है,
मेरे मोहन तेरा मूस्कुराना,
भूल जाने के काबिल नहीं है ॥

मैंने पूछा की अब कब मिलोगे,
पहले मुस्काए फिर तन के बोले,
सबके दिल में समाए हुए है,
आने जाने के जरुरत नहीं है,
मेरे मोहन तेरा मूस्कुराना,
भूल जाने के काबिल नहीं है ॥

जबसे देखा है जलवा तुम्हारा,
कोई आँखों को जचता नहीं है,
यूँ तो देखे बहुत नूर वाले,
सारे आलम में तुझसा नहीं है,
मेरे मोहन तेरा मूस्कुराना,
भूल जाने के काबिल नहीं है ॥

मेरे मोहन तेरा मुस्कुराना,
भूल जाने के काबिल नहीं है,
मेरे मोहन तेरा मुस्कुराना
भूल जाने के काबिल नहीं है,
चोट खाई है जो दिल पे मैंने,
वो दिखाने के काबिल नहीं है,
मेरे मोहन तेरा मुस्कुराना,
भूल जाने के काबिल नहीं है ॥


7. आजा आजा रे कन्हाई तेरी याद आई भजन लिरिक्स


आजा आजा रे कन्हाई तेरी याद आई
आजा आजा रे कन्हाई तेरी याद आई
याद आई रे तेरी याद आई
आजा आजा रे कन्हाई तेरी याद आई

ऐसे लगता है पहले भी हुआ यही मिलान हमारा तुम्हारा
तुम गहरे नीले सागर, मैं मिलान की प्यासी धारा
धारा का रूप है सागर, सागर का अंश है धारा

दिल में एक दर्द जग देती है तेरी याद
बीते लम्हे पलकों में बसा देती है तेरी याद

जब याद श्याम तेरी आती है
एक अजब नज़ारा होता है
एक टीस सी उठती है और दिल
बेचैन हमारा होता है

तेरा प्यार छिपाए सीने में
दिन रात तड़पती रहती हूँ
कैसे बतलाऊं प्राण नाथ
रो रो के गुज़ारा होता है

जब याद श्याम तेरी आती है
एक अजब नज़ारा होता है
आजा आजा रे कन्हाई तेरी याद आई
याद आई रे तेरी याद आई

जब याद श्याम तेरी आती है
बह जाती हूँ तूफानों में
मजधार में गोते खाती हूँ
इक तेरा सहारा होता है

जब याद श्याम तेरी आती है
एक अजब नज़ारा होता है
आजा आजा रे कन्हाई तेरी याद आई
याद आई रे तेरी याद आई

मैं चलती फिरती उठती हूँ
दुनिया से दर्द छिपाने को
ये दुनिया वाले क्या जाने
क्या प्यार तुम्हारा होता है

जब याद श्याम तेरी आती है
एक अजब नज़ारा होता है
आजा आजा रे कन्हाई तेरी याद आई
याद आई रे तेरी याद आई


8. बन जाऊं तेरी प्यारी तुझे प्यार करते करते भजन लिरिक्स


बन जाऊं तेरी प्यारी,
तुझे प्यार करते करते,
जीवन बिताया सारा,
इंतज़ार करते करते ॥

रह रह के मेरे दिल में,
उठती हैं ये तरंगे,
है दिल में मेरे केवल,
तेरे मिलने की उमंगें,
कभी आ भी जाओ प्रीतम,
यूँ ही राह चलते चलते,
बन जाऊँ तेरी प्यारी,
तुझे प्यार करते करते ॥

देखो मैं ना समझ हूँ,
पकड़ा है तेरा दामन,
कहाँ जाऊं छोड़कर अब,
मेरे रंगीले साजन,
ना साथ छोड़ देना,
मेरे साथ चलते चलते,
बन जाऊँ तेरी प्यारी,
तुझे प्यार करते करते ॥

मुझे हर घडी और हरपल,
घनश्याम याद आना,
मैं भूलने ना पाऊं,
तुम भी ना भूल जाना,
जल गई ये जिंदगानी,
विरह में जलते जलते,
बन जाऊँ तेरी प्यारी,
तुझे प्यार करते करते ॥

बन जाऊं तेरी प्यारी,
तुझे प्यार करते करते,
जीवन बिताया सारा,
इंतज़ार करते करते ॥


9. तेरी चौखट पे ऐ श्याम प्यारे सर हमारा झुका ही रहेगा भजन लिरिक्स


तेरी चौखट पे ऐ श्याम प्यारे,
सर हमारा झुका ही रहेगा,
जब तलक तुम नहीं दोगे दर्शन,
तेरे दर से नहीं सर उठेगा,
तेरी चौखट पे ऐ श्याम प्यारे ॥

एक मुद्दत हुई हमको प्यारे,
आस चरणों की तेरे लगाए,
कभी होगी कृपा दृष्टी प्यारे,
ये हृदय का कमल कब खिलेगा,
तेरी चौखट पे ऐ श्याम प्यारें,
सर हमारा झुका ही रहेगा ॥

लेके मन में बड़ी आस मैं भी,
आज आया शरण में मैं तेरी,
मांग होगी मेरी आज पूरी,
मेरा दामन यही पर भरेगा,
तेरी चौखट पे ऐ श्याम प्यारें,
सर हमारा झुका ही रहेगा ॥

मैं भिखारी हूँ और तुम हो दानी,
लाज दोनों ही नामों की रखलो,
गर मैं लौटूंगा खाली यहाँ से,
ये जमाना तुम्हे क्या कहेगा,
तेरी चौखट पे ऐ श्याम प्यारें,
सर हमारा झुका ही रहेगा ॥

प्रेम का आज प्याला पिला दो,
अपनी सेवा में हमको लगा लो,
पाके तेरे चरण का सहारा,
तेरा सेवक भवर से तरेगा,
तेरी चौखट पे ऐ श्याम प्यारें,
सर हमारा झुका ही रहेगा ॥

तेरी चौखट पे ऐ श्याम प्यारे,
सर हमारा झुका ही रहेगा,
जब तलक तुम नहीं दोगे दर्शन,
तेरे दर से नहीं सर उठेगा,
तेरी चौखट पे ऐ श्याम प्यारे ॥


10. तेरे दर की भीख से है मेरा आज तक गुज़ारा लिरिक्स


तेरे दर की भीख से है,
मेरा आज तक गुज़ारा,
जीवन का है आधारा,
जीने का है सहारा,
तेरे दर की भिख से है,
मेरा आज तक गुज़ारा ॥

हे करुणा करने वाले,
मेरी लाज रखने वाले,
तेरे ही दर से मिलता,
हर दीन को सहारा,
तेरे दर की भिख से है,
मेरा आज तक गुज़ारा ॥

तेरी आस्ता के सदके,
तेरी हर गली पे कुरबां,
तेरा दर है दर हकीक़त,
मेरी जीस्त का सहारा,
तेरे दर की भिख से है,
मेरा आज तक गुज़ारा ॥

तेरे प्यार की हदो को,
बस तू ही जानता है,
तुम आ गए वहीँ पे,
मैंने जहाँ पुकारा,
तेरे दर की भिख से है,
मेरा आज तक गुज़ारा ॥

क्यों ढूंढते फिरे हम,
तूफानों में सहारा,
तेरे हाथ में ही लहरे,
तेरे हाथ में किनारा,
तेरे दर की भिख से है,
मेरा आज तक गुज़ारा ॥

मुझे बेकरार रख कर,
मेरे दिल में बसने वाले,
जो यही है तेरी मर्ज़ी,
तेरा विरह भी है प्यारा,
तेरे दर की भिख से है,
मेरा आज तक गुज़ारा ॥

तेरे दर की भीख से है,
मेरा आज तक गुज़ारा,
जीवन का है आधारा,
जीने का है सहारा,
तेरे दर की भिख से है,
मेरा आज तक गुज़ारा ॥

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