Aniruddhacharya Ji Ke Bhajan Lyrics | अनिरुद्धाचार्य महाराज के भजन

Aniruddhacharya Ji Ke Bhajan Lyrics


Aniruddhacharya Ji Ke Bhajan Lyrics


1. ओ पापी मन करले भजन लिरिक्स


ओ पापी मन करले भजन,
मौका मिला है तो करले जतन ॥

तर्ज – जिसका मुझे था इंतजार।

ओ पापी मन करले भजन,
मौका मिला है तो करले जतन,
बाद में प्यारे पछताएगा जब,
पिंजरे से पंछी निकल जाएगा ॥

चार दिनों का है जग का मेला,
कोई ना साथी संगी अकेला।
जैसा तू आया जग में वैसा ही तू जाएगा,
मुठ्ठी बाँध के आया जग में,
हाथ पसारे जाएगा,
हो बाद में प्यारे पछताएगा जब,
पिंजरे से पंछी निकल जाएगा ॥

भाई बंधू कुटुंब कबीला,
ये तो जग का झूठा झमेला,
मरने के बाद तुझे आग में जलाएंगे,
तेरह दिनों का तेरा मातम मनाएंगे,
बाद में प्यारे पछताएगा जब,
पिंजरे से पंछी निकल जाएगा ॥

राम नाम का सुमिरण करले,
राम जी का नाम प्यारे घट में धर ले,
राम जी का नाम प्यारे काम तेरे आएगा,
जीवन मरण से तू मुक्ति पा जायेगा,
बाद में प्यारे पछताएगा जब,
पिंजरे से पंछी निकल जाएगा ॥

ओ पापी मन कर ले भजन,
मौका मिला है तो करले जतन,
बाद में प्यारे पछताएगा जब,
पिंजरे से पंछी निकल जाएगा ॥


2. मन में बसाकर तेरी मूर्ति उतारू में गिरधर तेरी आरती लिरिक्स


मन में बसाकर तेरी मूर्ति,
उतारू में गिरधर तेरी आरती ॥

करुणा करो कष्ट हरो ज्ञान दो भगवन,
भव में फसी नाव मेरी तार दो भगवन,
करुणा करो कष्ट हरो ज्ञान दो भगवन,
भव में फसी नाव मेरी तार दो भगवन,
दर्द की दवा तुम्हरे पास है,
जिंदगी दया की है भीख मांगती,
मन में बसाकर तेरी मूर्ति,
उतारू में गिरधर तेरी आरती ॥

मांगु तुझसे क्या में यही सोचु भगवन,
जिंदगी जब तेरे नाम करदी अर्पण,
मांगु तुझसे क्या में यही सोचु भगवन,
जिंदगी जब तेरे नाम करदी अर्पण,
सब कुछ तेरा कुछ नहीं मेरा,
चिंता है तुझको प्रभु संसार की,
मन में बसाकर तेरी मूर्ति,
उतारू में गिरधर तेरी आरती ॥

वेद तेरी महिमा गाये संत करे ध्यान,
नारद गुणगान करे छेड़े वीणा तान,
वेद तेरी महिमा गाये संत करे ध्यान,
नारद गुणगान करे छेड़े वीणा तान,
भक्त तेरे द्वार करते है पुकार,
दास व्यास तेरी गाये आरती,
मन में बसाकर तेरी मूर्ति ॥


3. मेरा कोई न सहारा बिन तेरे लिरिक्स


मेरा कोई न सहारा बिन तेरे,
नन्दलाल सांवरिया मेरे,
हरी आ जाओ हरी आ जाओ,
मेरी नैया लगा दो पार,
हरी आ जाओ एक बार ॥

तेरे बिन मेरा है कौन यहाँ,
प्रभु तुम्हें छोड़ मैं जाऊँ कहाँ,
मैं तो आन पड़ा हूँ दर तेरे,
घनश्याम  साँवरिया मेरे,
मेरा कोई न सहारा बिन तेरे,
नन्दलाल सांवरिया मेरे ॥

मैंने जनम लिया ज़ग मे आया,
तेरी कृपा से ये नर तन पाया,
तूने किए उपकार घनेरे,
घनश्याम  साँवरिया मेरे
मेरा कोई न सहारा बिन तेरे,
नन्दलाल सांवरिया मेरे ॥

मेरे नयना कब से तरस रहें,
सावन भादों हैं बरस रहे,
अब छाये घनघोर अंधेरे,
घनश्याम  साँवरिया मेरे,
मेरा कोई न सहारा बिन तेरे,
नन्दलाल सांवरिया मेरे ॥

प्रभु आ जाओ प्रभु आजाओं,
अब और न मुझको तरसाओं,
काटो जनम मरण के फेरे,
 घनश्याम  साँवरिया मेरे,
मेरा कोई न सहारा बिन तेरे,
नन्दलाल सांवरिया मेरे ॥

जिस दिन से दुनियाँ में आया,
मैंने पल भर चैन नहीं पाया,
सहे कष्ट पे कष्ट घनेरे,
घनश्याम  साँवरिया मेरे,
मेरा कोई न सहारा बिन तेरे,
नन्दलाल सांवरिया मेरे ॥

मेरा सच्चा मारग छूट गया,
मुझें पाँच लुटेरों ने लूट लिया,
मैंने ज़तन किए बहुतेरे,
घनश्याम  साँवरिया मेरे,
मेरा कोई न सहारा बिन तेरे, 
नन्दलाल सांवरिया मेरे ॥

मेरे सारे सहारे छूट गए, 
तुम भी गुरु मुझसे रूठ गये,
आओ करने दूर अंधेरे, 
घनश्याम  साँवरिया मेरे,
मेरा कोई न सहारा बिन तेरे, 
नन्दलाल सांवरिया मेरे ॥


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