
रंग डालो ना बीच बाजार श्याम लिरिक्स
रंग डालो ना बीच बाजार
श्याम मैं तो मर जाऊंगी
रंग डारो ना बीच बज़ार
श्याम मैं तो मार जाओंगी
आज ही पहनी मैने नयी चुनरिया
वा में लग रहे गोटा किनरिया
आई करके मैं सोलह शृंगार
कैसे मैं बच पाओँगी
रंग डारो ना बीच बज़ार....
मुख पे मेरे गुलाल मालो ना
बेदर्दी मेरे संग सालो ना
हाय खोलो ना घूँघटा हमार
कुछ ना मैं कर पाउगीं
रंग डारो ना बीच बज़ार....
देखो श्याम मेरा घूँघटा खोलो ना
चुप ठाडो तुम कुछ बोलो ना
जो मिले नैनों से नैना हमार
जीते जी मैं मार जाऊंगी
रंग डारो ना बीच बज़ार....
अकेली रह गयी गहबर वन में
सखी सहेली मेरी कोई ना सांग में
हाय डरता है जियरा हमार
रंग डारो ना बीच बज़ार....
अब के छोड़ देओ रे कान्हा
सास ननंद का कहा ना माना
मान जाओ ना सांवरे सरकार
सखिन संग फिर आओंगी
रंग डारो ना बीच बज़ार....