
दिनही उगल अंजोरिया ये लाल लिरिक्स
दिनहि उगल अंजोरिया ये लाल,
दिनहि उगल अंजोरिया ये लाल,
रघुवंशी दशरथ के घर में,
दिनहि उगल अंजोरिया ये लाल ॥
बाजे अवधवा में थरिया ये लाल,
बाजे अवधवा में थरिया ये लाल,
चैत मास नवमी के दिनवा,
बाजे अवधवा में थरिया ये लाल,
रघुवंशी दशरथ के घर में,
दिनहि उगल अंजोरिया ये लाल ॥
ब्रह्मा संग सब देवन सब आये,
इंद्र सुमन नभ से बरषाये,
ब्रह्मा संग सब देवन सब आये,
इंद्र सुमन नभ से बरषाये,
रस रस डोले बयरिया ये लाल,
रस रस डोले बयरिया ये लाल,
महक गईल उजडल फुलवरिया,
रस रस डोले बयरिया ये लाल,
रघुवंशी दशरथ के घर में,
दिनहि उगल अंजोरिया ये लाल ॥
कही भाट विरदावली गावे,
पंडित मंगल मंत्र सुनावे,
कही भाट विरदावली गावे,
पंडित मंगल मंत्र सुनावे,
सज सज गईल सगरी अटरिया ये लाल,
सज सज गईल सगरी अटरिया ये लाल,
गली गली सब सजल अवध में,
सज सज गईल सगरी अटरिया ये लाल,
रघुवंशी दशरथ के घर में,
दिनहि उगल अंजोरिया ये लाल ॥
आज मुदित मन बैठे राजा,
आज मुदित मन बैठे राजा,
दुअरा बजे छमा छम बाजा,
दुअरा बजे छमा छम बाजा,
लागेला भारी पगड़िया ये लाल,
लागेला भारी पगड़िया ये लाल,
राजन के सिर पर बांधल साफा,
लागेला भारी पगारिया ये लाल ॥