
तू परिकर्मा कर गोवर्धन की लिरिक्स
तेरी कट जाये वाधा जीवन की,
तू कर परिक्रमा गोवर्धन की ।
श्री गोवर्धन महाराज नाथ तुम संतन हित कारी,
संतन हितकारी नाथ तुम भक्तन हितकारी ॥
श्री गिरिराज की शरण जो आवे शरण जो आवे,
चौरासी के बंद छुडावे बंद छुडावे ।
मिट जावे दी तृष्णा भटकन की,
कर परिकर्मा गोवर्धन की ॥
बांके गिरधर की बांकी झांकी,
अनुपम अद्भुत छठा यहाँ की ।
जय बोलो सभी राधा मोहन की,
कर परिकर्मा गोवर्धन की ॥
जतीपुरा में जब आवो गो,
सारा दूध जलेबी पावे गो ।
चढ़ जायेगी मस्ती कीर्तन की,
कर परिकर्मा गोवर्धन की ॥
चित्र विचत्र का मान ले कहना मान ले कहना,
धाम गोवर्धन आते रहना ।
तोपे हॉवे किरपा सब संतन की,
कर परिकर्मा गोवर्धन की ॥