
सुख के सब साथी दुःख में ना कोई लिरिक्स
सुख के सब साथी, दुःख में ना कोई ।
मेरे राम, मेरे राम, तेरा नाम एक सांचा दूजा ना कोई ॥
जीवन आणि जानी छाया,
जूठी माया, झूठी काय ।
फिर काहे को साड़ी उमरिया,
पाप को गठरी ढोई ॥
ना कुछ तेरा, ना कुछ मेरा,
यह जग योगी वाला फेरा ।
राजा हो या रंक सभी का,
अंत एक सा होई ॥
बाहर की तो माटी फांके,
मन के भीतर क्यूँ ना झांके ।
उजले तन पर मान किया,
और मन की मैल ना धोई ॥