भेष बदल कै कृष्ण आ ग्या बण के माँगन आळा लिरिक्स

भेष बदल कै कृष्ण आ ग्या बण के माँगन आळा लिरिक्स

भेष बदल कै कृष्ण आ ग्या बण के माँगन आळा लिरिक्स


नहाँ धोके मै बैठी भगतणी भजे राम की माला 
भेष बदल कै कृष्ण आ ग्या बण के माँगन आळा,
चिमटा ठा कै भाजी भगतणी ठहर जा माँगण आळा,
मेरी भक्ति में भंग गेर दिया मै फेरूँ थी माळा,
रे रहण दे भगतणी जाण दे भगतणी झूठी फेरे माळा,
उपरले तै राम रटे है तेरे भितरले में काळा, 

राम रटया ध्रुव भगत नै उमर का था वो याळा,
अरे धजा चढ़ी आकाश में दुनिया में होया उजाळा,
रे रहण दे भगतणी जाण दे भगतणी झूठी फेरे माळा,
उपर ले तै राम रटे है तेरे भितरले में  काळा,

राम रट्या था मीरा बाई ने, बण में ल्या लिया डेरा, 
आठ सौ झाळ त्याग दिए, ओने लेई काठ की माळा,
रे रहण दे भगतणी जाण दे भगतणी झूठी फेरे माळा,
उपर ले तै राम रटे है तेरे भितरले में  काळा,

राम रट्या था धन्ना भगत ने, बीज बाँट दिया सारा,
बोई काँकर काटे तूम्बे, अन्न उपज्या था अपारा,
रे रहण दे भगतणी जाण दे भगतणी, 
रे रहण दे भगतणी जाण दे भगतणी, झूठी फेरे माळा,
उपर ले तै राम रटे है तेरे भितरले में  काळा, 

राम रट्या था नरसी भगत ने, टोह लिया कृष्ण काळा,
हरनंदी के भात भरया, उड़े रोप दिया उने चाळा,
रे रहण दे भगतणी जाण दे भगतणी, 
रे रहण दे भगतणी जाण दे भगतणी, झूठी फेरे माळा,
उपर ले तै राम रटे है तेरे भितरले में  काळा,


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