
पुराना भजन लिरिक्स
1. यशोमती मईया से बोले नंदलाला लिरिक्स
यशोमती मईया से,
बोले नंदलाला,
राधा क्यूँ गोरी,
मैं क्यूँ काला।
बोली मुस्काती मईया,
ललन को बताया,
काली अँधीयारी,
आधी रात में तू आया,
लाडला कन्हैया मेरा,
काली कमली वाला,
इसीलिए काला ॥
बोली मुस्काती मईया,
सुन मेरे प्यारे,
गोरी गोरी राधिका के,
नैन कजरारे,
काले नैनो वाली ने,
ऐसा जादू डाला,
इसीलिए काला ॥
इतने में राधा प्यारी,
आई बलखाती,
मैंने नहीं जादू डाला,
बोली इठलाती,
मईया कन्हैया तेरा,
जग से निराला,
इसीलिए काला ॥
यशोमती मईया से,
बोले नंदलाला,
राधा क्यूँ गोरी,
मैं क्यूँ काला।
ईश्वर सत्य है,
सत्य ही शिव है,
शिव ही सुंदर है,
जागो उठकर देखो,
जीवन ज्योत उजागर है
सत्यम शिवम सुंदरम,
सत्यम शिवम सुंदरम ॥
राम अवध में,काशी में शिव,
कान्हा वृन्दावन में,
दया करो प्रभू, देखू इनको,
हर घर के आंगन में,
राधा मोहन शरणम,
सत्यम शिवम सुंदरम ॥
एक सूर्य है, एक गगन है,
एक ही धरती माता,
दया करो प्रभू, एक बने सब,
सबका एक से नाता,
राधा मोहन शरणम,
सत्यम शिवम सुंदरम ॥
सुख के सब साथी, दुःख में ना कोई ।
मेरे राम, मेरे राम, तेरा नाम एक सांचा दूजा ना कोई ॥
जीवन आणि जानी छाया,
जूठी माया, झूठी काय ।
फिर काहे को साड़ी उमरिया,
पाप को गठरी ढोई ॥
ना कुछ तेरा, ना कुछ मेरा,
यह जग योगी वाला फेरा ।
राजा हो या रंक सभी का,
अंत एक सा होई ॥
बाहर की तो माटी फांके,
मन के भीतर क्यूँ ना झांके ।
उजले तन पर मान किया,
और मन की मैल ना धोई ॥
ओ शंकर मेरे,
कब होंगे दर्शन तेरे,
जीवन पथ पर शाम सवेरे,
जीवन पथ पर शाम सवेरे,
छाए है घनघोर अँधेरे,
ओ शंकर मेरें,
कब होंगे दर्शन तेरे ॥
मैं मूरख तू अंतर्यामी,
मैं मूरख तू अंतर्यामी,
मैं सेवक तू मेरा स्वामी,
मैं सेवक तू मेरा स्वामी,
काहे मुझसे नाता तोड़ा,
मन छोड़ा मंदिर भी छोड़ा,
कितनी दूर लगाये तूने,
जा कैलाश पे डेरे,
ओ शंकर मेरें,
कब होंगे दर्शन तेरे ॥
तेरे द्वार पे ज्योत जगाते,
तेरे द्वार पे ज्योत जगाते,
युग बीते तेरे गुण गाते,
युग बीते तेरे गुण गाते,
ना मांगू मैं हीरे मोती,
मांगू बस थोड़ी सी ज्योति,
खाली हाथ न जाऊँगा मैं,
दाता द्वार से तेरे,
ओ शंकर मेरें,
कब होंगे दर्शन तेरे ॥
ओ शंकर मेरे,
कब होंगे दर्शन तेरे,
जीवन पथ पर शाम सवेरे,
जीवन पथ पर शाम सवेरे,
छाए है घनघोर अँधेरे,
ओ शंकर मेरें,
कब होंगे दर्शन तेरे ॥
हो मैं परदेशी हूँ पहली बार आया हूँ
दर्शन करने मइया के दरबार आया हूँ
हो मैं परदेशी हूँ पहली बार आया हूँ
दर्शन करने मइया के दरबार आया हूँ
ऐ लाल चुनरिया वाली बेटी
ये तो बताओ माँ के भवन जाने का रास्ता किधर से है
इधर से है या उधर से
सुन रे भक्त परदेशी इतनी जल्दी है कैसी
अरे जरा घूम लो फिर लो रौनक देखो कटरा की
जाओ तुम वह जाओ पहले पर्ची कटाओ
ध्यान मैया का धरो इक जैकारा लगाओ
चले भक्तों की टोली संग तुम मिल जाओ
तम्हे रास्ता दिखा दूँ मेरे पीछे चले आओ
ये है दर्शनी डयोढ़ी दर्शन पहला है ये
करो यात्रा शुरू तो जय माता दी कह
यहाँ तलक तो लायी बेटी आगे भी ले जाओ ना
मैं परदेशी हूँ पहली बार आया हूँ
दर्शन करने मैया के दरबार आया हूँ
इतना शीतल जल ये कौन सा स्थान है बेटी
ये है बाणगंगा पानी अमृत समान
होता तन मन पावन करो यहाँ स्नान
माथा मंदिर में टेको करो आगे प्रस्थान
चरण पादुका वो जाने महिमा जहान
मैया जग कल्याणी माफ़ करना मेरी भूल
मैंने माथे से लगाई तेरी चरणों की धूल
यहाँ तलक तो लायी बेटी आगे भी ले जाओ ना
मैं परदेशी हूँ पहली बार आया हूँ
दर्शन करने मैया के दरबार आया हूँ
ये हम कहा आ पहुंचे, ये कौन सी जगह है बेटी
ये है आदि कुमारी महिमा है इसकी भारी
गर्भजून बकुपा है कथा है जिसकी न्यारी
भैरो जती इक जोगी मास मदिरा हारी
लेने माँ की परीक्षा बात उसने विचारी
मास और मधु मांगे मति उसकी थी मारी
हुई अंतर्ध्यान माता आया पीछे दुराचारी
नौ महीने इसीमे रही मैया अवतारी
इसे गुफा गर्भजून जाने दुनिया ये सारी
और गुफा से निकलकर माता वैष्णो रानी
ऊपर पावन गुफा में पिंडी रूप मे प्रकट हुई
धन्य धन्य मेरी माता धन्य तेरी शक्ति
मिलती पापों से मुक्ति करके तेरी भक्ति
यहाँ तलक तो लायी बेटी आगे भी ले जाओ ना
मैं परदेशी हूँ पहली बार आया हूँ
दर्शन करने मैया के दरबार आया हूँ
ओह मेरी मइया इतनी कठिन चढ़ाई
ये कौन सा स्थान है बेटी
देखो ऊँचा वो पहाड़ और गहरी खाई
जरा चढ़ना संभल के हत्ते मत्थे की चढ़ाई
टेढ़े मेढ़े रस्ते है पर डरना न भाई
देखो सामने वो देखो सांग छत की दिखाई
परदेशी यहाँ कुछ खा लो पी लो
बस थोड़ी यात्रा और बाकी है
ऐसा लगता है मुझको मुकाम आ गया
माता वैष्णो का निकट ही धाम आ गया
यहाँ तलक तो लायी बेटी आगे भी ले जाओ ना
मैं परदेशी हूँ पहली बार आया हूँ
दर्शन करने मैया के दरबार आया हूँ
वाह क्या सुन्दर नज़ारा है
आखिर हम माँ के भवन पहुंच ही गए ना
ये पावन गुफा किधर है बेटा
देखो सामने गुफा है मैया रानी का दुआरा
माता वैष्णो ने यहाँ रूप पिण्डियों का धारा
चरण गंगा में नहा लो थाली पूजा की सजा लो
लेके लाल लाल चुनरी अपने सर पे बंधवा लो
जाके सिंदूरी गुफा में माँ के दर्शन पा लो
बिन मांगे ही यहाँ से मन इच्छा फल पा लो
गुफा से बाहर आकर कंजके बिठाते है
उनको हलवा पूरी और दक्षिणा देकर आशीर्वाद पातें है
और लौटते समय बाबा भैरो दर्शन करने से यात्रा संपूर्ण मानी जाती है
आज तुमने सरल पे उपकार कर दिया
दामन खुशियों से आनंद से भर दिया
भेज बुलावा भी अगले बरस भी परदेशी को बुलाओ माँ
हर साल आऊंगा जैसे इस बार आया हूँ
मैं परदेशी, ओ मैया मैं परदेसी, परदेसी
मैं परदेशी हूँ पहली बार आया हूँ
दर्शन करने मैया के दरबार आया हूँ
श्याम तेरी बंसी पुकारे राधा नाम,
लोग करे मीरा को यूँ ही बदनाम,
साँवरे की बन्सी को बजने से काम,
राधा का भी श्याम वो तो,
मीरा का भी श्याम ॥
यमुना की लहरें बन्सीबट की छैया,
किसका नहीं है कहो कृष्ण कन्हैया,
श्याम का दीवाना तो सारा बृजधाम,
लोग करे मीरा को यूँ ही बदनाम ॥
कौन जाने बाँसुरिया किसको बुलाए,
जिसके मन भाए वो उसीके गुन गाए,
कौन नहीं बन्सी की धुन का गुलाम,
राधा का भी श्याम वो तो,
मीरा का भी श्याम ॥
श्याम तेरी बंसी पुकारे राधा नाम,
लोग करे मीरा को यूँ ही बदनाम,
साँवरे की बन्सी को बजने से काम,
राधा का भी श्याम वो तो,
मीरा का भी श्याम ॥
हे रोम रोम में बसने वाले राम,
जगत के स्वामी,
हे अन्तर्यामी,
मैं तुझ से क्या मांगू,
हे रोम रोम में बसने वाले राम ॥
आस का बंधन तोड़ चुकी हूँ,
तुझ पर सब कुछ छोड़ चुकी हूँ,
नाथ मेरे मैं क्यूँ कुछ सोचूँ,
नाथ मेरे मैं क्यूँ कुछ सोचूँ,
तू जाने तेरा काम,
जगत के स्वामी,
हे अन्तर्यामी,
मैं तुझ से क्या मांगू,
मैं तुझ से क्या मांगू,
हे रोम रोम में बसने वाले राम ॥
तेरे चरण की धुल जो पायें,
वो कंकर हीरा हो जाए,
भाग्य मेरे जो मैंने पाया,
इन चरणों मे ध्यान,
तू जाने तेरा काम,
जगत के स्वामी,
हे अन्तर्यामी,
मैं तुझ से क्या मांगू,
मैं तुझ से क्या मांगू,
हे रोम रोम में बसने वाले राम ॥
भेद तेरा कोई क्या पहचाने,
जो तुझ सा हो वो तुझे जाने,
तेरे किये को हम क्या देवे,
तेरे किये को हम क्या देवे,
भले बुरे का नाम,
जगत के स्वामी,
हे अन्तर्यामी,
मैं तुझ से क्या मांगू,
मैं तुझ से क्या मांगू,
हे रोम रोम में बसने वाले राम ॥
हे रोम रोम में बसने वाले राम,
जगत के स्वामी,
हे अन्तर्यामी,
मैं तुझ से क्या मांगू,
हे रोम रोम में बसने वाले राम ॥
तेरी छाया मे, तेरे चरणों मे,
मगन हो बैठूं, तेरे भक्तो मे॥
तेरे दरबार मे मैया खुशी मिलती है,
जिंदगी मिलती है रोतों को हँसी मिलती है॥
इक अजब सी मस्ती तन मन पे छाती है,
हर इक जुबां तेरे ओ मैया गीत गाती है,
बजते सितारों से मीठी पुकारो से,
गूंजे जहाँ सारा तेरे ऊँचे जयकारो से,
मस्ती मे झूमे तेरा दर चूमे,
तेरे चारो तरफ दुनिया ये घुमे,
ऐसी मस्ती भी भला क्या कहीं मिलती है,
तेरे दरबार मे मैया खुशी मिलती है॥
मेरी शेरों वाली माँ तेरी हर बात अच्छी है,
करनी की पूरी है माता मेरी सच्ची है,
सुख-दुख बँटाती है अपना बनाती है,
मुश्किल मे बच्चे को माँ ही काम आती है,
रक्षा करती है भक्त अपने की,
बात सच्ची करती उनके सपनो की,
सारी दुनिया की दौलत यही मिलती है,
तेरे दर बार मे मैया खुशी मिलती है॥
रोता हुआ आये जो हँसता हुआ जाता है,
मन की मुरादो को वो पाता हुआ जाता है,
किस्मत के मारो को रोगी बीमारों को,
करदे भला चंगा मेरी माँ अपने दुलारौ को,
पाप कट जाये चरण छूने से,
महकती है दुनिया माँ धुने से,
फिर तो माँ ऐसी कभी क्या कहीं मिलती है,
तेरे दरबार मे मैया खुशी मिलती है॥
मेरी अखियों के सामने ही रहना,
ओ शेरों वाली जगदम्बे ॥
मेरी अखियों के सामने ही रहना,
ओ शेरों वाली जगदम्बे ॥
हम तो हैं चाकर मैया तेरे दरबार के,
हम तो हैं चाकर मैया तेरे दरबार के ।
हम तो हैं चाकर मैया तेरे दरबार के,
हम तो हैं चाकर मैया तेरे दरबार के ॥
हम तो हैं चाकर मैया तेरे दरबार के,
भूखे हैं हम तो मैया तेरे ही प्यार के ।
मेरी अखियों के सामने ही रहना,
ओ शेरों वाली जगदम्बे ॥
विनती हमारी भी अब करो मंज़ूर माँ,
विनती हमारी भी अब करो मंज़ूर माँ ।
विनती हमारी भी अब करो मंज़ूर माँ,
विनती हमारी भी अब करो मंज़ूर माँ ।
चरणों से हमको कभी करना न दूर माँ ।
मेरी अखियों के सामने ही रहना,
ओ शेरों वाली जगदम्बे ।
मुझे जान के अपना बालक सब भूल तू मेरी भुला देना,
मुझे जान के अपना बालक सब भूल तू मेरी भुला देना ।
मुझे जान के अपना बालक सब भूल तू मेरी भुला देना,
मुझे जान के अपना बालक सब भूल तू मेरी भुला देना ।
शेरों वाली जगदम्बे आँचल में मुझे छिपा लेना ॥
मेरी अखियों के सामने ही रहना,
ओ शेरों वाली जगदम्बे ।
तुम ही हो शिव जी की शक्ति मैया शेरों वाली,
तुम ही हो शिव जी की शक्ति मैया शेरों वाली,
तुम ही हो शिव जी की शक्ति मैया शेरों वाली ॥
तुम ही हो दुर्गा हो अम्बे मैया तुम हो काली ।
बन के अमृत की धार सदा बहना,
ओ शेरों वाली जगदम्बे ॥
मेरी अखियों के सामने ही रहना,
ओ शेरों वाली जगदम्बे ॥
तेरे बालक को तभी माँ सबर आए,
तेरे बालक को तभी माँ सबर आए,
तेरे बालक को हाँ-हाँ, तेरे बालक को मैया ।
तेरे बालक को तभी माँ सबर आए
तेरे बालक को तभी माँ सबर आए ॥
जहाँ देखूं माँ तू ही तू नज़र आये ।
मुझे इसके सीवे कुछ ना कहना
ओ शेरों वाली जगदम्बे ।
मुझे इसके सीवे कुछ ना कहना
ओ शेरों वाली जगदम्बे ॥
मेरी अखियों के सामने ही रहना,
ओ शेरों वाली जगदम्बे ॥
देदो शर्मा को भक्ति का दान मैया जी,
देदो शर्मा को भक्ति का दान मैया जी ।
देदो शर्मा को भक्ति का दान मैया जी,
देदो शर्मा को भक्ति का दान मैया जी ॥
लक्खा गाता रहे तेरा गुणगान मैया जी ।
है भजन तेरा भक्तो का गहना,
ओ शेरों वाली जगदम्बे ॥
मेरी अखियों के सामने ही रहना,
ओ शेरों वाली जगदम्बे ।
मेरी अखियों के सामने ही रहना,
ओ शेरों वाली जगदम्बे ।
मैया ओ गंगा मैया,
ओ गंगा मैया में,
गंगा मैया में जब तक ये पानी रहे,
मेरे सजना तेरी जिंदगानी रहे,
ज़िंदगानी रहे,
मैया ओ गंगा मैया ॥
मेरे जीवन की ओ रे खिवैया,
तेरे हाथों में है मेरी नैया,
दुनिया कुछ भी कहे,
भले कहती रहे,
मेरी पूजा तेरी ही दीवानी रहे,
दीवानी रहे,
मैया ओ गंगा मैया ॥
आग अगनी के फेरे लगा कर,
याद बीते दीनो की जलाकर,
आई में तेरे द्वार,
लिए मन का संसार,
मेरे होंटो पे तेरी कहानी रहे,
कहानी रहे,
मैया ओ गंगा मैया ॥
गंगा मैया में जब तक ये पानी रहे,
मेरे सजना तेरी जिंदगानी रहे,
ज़िंदगानी रहे,
मैया ओ गंगा मैया ॥
छुपी नारी के मन मैं वो सीता,
जिसका जीवन अंगरो पे बिता,
मेरे जीवन के राम,
मेरे माथे पे तेरी निशानी रहे,
निशानी रहे,
मैया ओ गंगा मैया ॥
गंगा मैया में जब तक ये पानी रहे,
मेरे सजना तेरी जिंदगानी रहे,
ज़िंदगानी रहे,
मैया ओ गंगा मैया ॥
हे जी रे… हे जी रे..
हे जी रे… हे रामचंद्र कह गए सिया से
रामचंद्र कह गए सिया से
ऐसा कलयुग आएगा
हंस चुगेगा दाना तुन का
हंस चुगेगा दाना तुन का
कौआ मोती खाएगा
हे जी रे..
सिया ने पूछा भगवन
कलयुग में धर्म – कर्म को
कोई नहीं मानेगा?
तो प्रभु बोले
धर्म भी होगा कर्म भी होगा
धर्म भी होगा कर्म भी होगा
परंतु शर्म नहीं होगी
बात बात में मात-पिता को
बात बात में मात-पिता को
बेटा आँख दिखाएगा
हे रामचंद्र कह गए सिया से…
राजा और प्रजा दोनों में
होगी निसदिन खेचातानी खेचातानी
कदम कदम पर करेंगे दोनों
अपनी अपनी मनमानी
हे…मनमानी
हे जिसके हाथ में होगी लाठी
जिसके हाथ में होगी लाठी
भैंस वही ले जाएगा
हंस चुगेगा दाना तुन का
हंस चुगेगा दाना तुन का
कौआ मोती खाएगा
हे रामचंद्र कह गए सिया से..
सुनो सिया कलयुग में
काला धन और काले मन होंगे
काले मन होंगे
चोर उच्चक्के नगर सेठ
और प्रभु भक्त निर्धन होंगे
निर्धन होंगे
जो होगा लोभी और भोगी..
जो होगा लोभी और भोगी
वो जोगी कहलाएगा
हंस चुगेगा दाना तुन का
हंस चुगेगा दाना तुन का
कौआ मोती खरग
हे रामचंद्र कह गए सिया से…
मंदिर सूना सूना होगा
भरी रहेंगी मधुशाला, मधुशाला
पिता के संग संग भरी सभा में
नाचेंगी घर की बाला, घर की बाला
हे केसा कन्यादान पिता ही
केसा कन्यादान पिता ही
कन्या का धन खाएगा
हंस चुगेगा दाना तुन का
कौआ मोती खाएगा
हे रामचंद्र कह गए सिया से
रामचंद्र कह गए सिया से
ऐसा कलयुग आएगा
हंस चुगेगा दाना तुन का
कौआ मोती खाएगा
हे जी रे..
हे मूरख की प्रीत बुरी
जुए की जीत बुरी
बुरे संग बैठ ते भागे ही भागे
भागे ही भागे
हे काजल की कोठरी में
कैसे ही जतन करो
काजल का दाग भाई लागे ही लागे भाई
काजल का दाग भाई लागे ही लागे
हे जी रे..हे जी रे…
हे कितना जती को कोई कितना सती हो कोई
कामनी के संग काम जागे ही जागे,
जागे ही जागे
सुनो कहे गोपीराम जिसका है नाम काम
उसका तो फंद गले लागे ही लागे रे भाई
उसका तो फंद गले लागे ही लागे
हे जी रे… हे जी रे..
लागे वृन्दावन नीको,
आली मोहे लागे वृन्दावन नीको।
लागे वृन्दावन नीको,
आली मोहे लागे वृन्दावन नीको।
घर घर तुलसी ठाकुर सेवा,
दर्शन गोविन्द जी को,
आली मन लागे वृन्दावन नीको।
निर्मल नीर बहे जमुना को,
भोजन दूध दही को,
आली मन लागे वृन्दावन नीको।
रतन सिंघासन आप विराजे,
मुकुट धरो तुलसी को,
आली मन लागे वृन्दावन नीको।
कुंजन कुंजन फिरत राधिका,
शबद सुनत मुरली को,
आली मन लागे वृन्दावन नीको।
मीरा के प्रभु गिरधर नागर,
भजन बिना नरभी को,
आली मन लागे वृन्दावन नीको।
दुनिया में तेरा है बड़ा नाम
आज मुझे भी तुझसे पड़ गया काम
मेरी बिनती सुने तो जानूं
मेरी बिनती सुने तो जानूं
मानूं तुझे मैं राम
राम नहीं तो कर दूंगा
सारे जग में तुझे बदनाम
दुनिया में तेरा है बड़ा नाम
आज मुझे भी तुझसे पड़ गया काम
मैं नहीं कहता , कहते हैं सारे
मैं नहीं कहता , कहते हैं सारे
तूने बनाये चाँद सितारे
तू दुःख दूर करे तो मेरे
मेरी बिगड़ी बनाये तो तेरे
गन गाऊं सुबह -ओ -शाम
राम नहीं तो कर दूंगा
सारे जग में तुझे बदनाम
दुनिया में तेरा है बड़ा नाम
आज मुझे भी तुझसे पड़ गया काम
साथी जगत में बस इक अपना
साथी जगत में बस इक अपना
इस जीवन का आखिरी सपना
वह भी तोड़ के दाता न ले
यूँ मुंह मोड़ के दाता न ले
सर पे तू यह इल्जाम
राम नहीं तो कर दूंगा
सारे जग में तुझे बदनाम
दुनिया में तेरा है बड़ा नाम
आज मुझे भी तुझसे पड़ गया काम
मजबूरी तेरे दर पे ले आयी
मजबूरी तेरे दर पे ले आयी
आशा की मैंने ज्योत जगाई
ओह मन की बुझती ज्योत जग दे
मेरी टूटी आस बांध दे
आया मैं तेरे धाम
राम नहीं तो कर दूंगा
सारे जग में तुझे बदनाम
आज मुझे भी तुझसे पड़ गया काम
आज मुझे भी तुझसे पड़ गया काम
मेरी बिनती सुने तो जानूं
मेरी बिनती सुने तो जानूं
हो राम , हो राम
मेरी बिनती सुने तो जानूं
मेरी बिनती सुने तो जानूं
हो राम , हो राम
तेरे द्वार खड़ा भगवान हो,
तेरें द्वार खड़ा भगवान,
भगत भर दे रे झोली ॥
तेरा होगा बड़ा एहसान,
कि जुग जुग तेरी रहेगी शान,
भगत भर दे रे झोली,
तेरें द्वारे खड़ा भगवान,
भगत भर दे रे झोली,
ओ भगत भर दे रे झोली ॥
डोल उठी है सारी धरती देख रे,
डोला गगन है सारा,
भीख मांगने आया तेरे घर,
जगत का पालनहारा रे,
जगत का पालनहारा,
मै आज तेरा मेहमान,
कर ले रे मुझसे ज़रा पहचान
भगत भर दे रे झोली,
तेरे द्वारे खड़ा भगवान,
भगत भर दे रे झोली,
ओ भगत भर दे रे झोली ॥
आज लुटा दे रे सर्वस्व अपना,
मान ले कहना मेरा,
मिट जायेगा पल मे तेरा,
जनम-जनम का फेरा रे,
जनम-जनम का फेरा,
तू छोड़ सकल अभिमान,
अमर कर ले रे तू अपना दान,
भगत भर दे रे झोली,
तेरे द्वार खड़ा भगवान,
भगत भर दे रे झोली ॥
तेरें द्वार खड़ा भगवान हो,
तेरे द्वारे खड़ा भगवान,
भगत भर दे रे झोली ॥
तूने मुझे बुलाया शेरा वालिये,
मैं आया मैं आया शेरा वालिये,
ज्योता वालिये, पहाड़ा वालिये,
मेहरा वालिये,
तुने मुझे बुलाया शेरावालिये,
मैं आया मैं आया शेरा वालिये ॥
सारा जग है इक बंजारा,
सब की मंजिल तेरा द्वारा,
ऊँचे परबत लम्बा रास्ता,
ऊँचे परबत लम्बा रास्ता,
पर मैं रह ना पाया, शेरा वालिये,
तुने मुझे बुलाया शेरावालिये,
मैं आया मैं आया शेरा वालिये ॥
सूने मन में जल गयी बाती,
तेरे पथ में मिल गए साथी,
मुंह खोलूं क्या तुझ से मांगू,
बिन मांगे सब पाया, शेरा वालिये,
तुने मुझे बुलाया शेरावालिये,
मैं आया मैं आया शेरा वालिये ॥
कौन है राजा कौन भिखारी,
एक बराबर तेरे सारे पुजारी,
तुने सब को दर्शन देके,
तुने सब को दर्शन देके,
अपने गले लगाया, शेरा वालिये,
तुने मुझे बुलाया शेरावालिये,
मैं आया मैं आया शेरा वालिये ॥
तूने मुझे बुलाया शेरा वालिये,
मैं आया मैं आया शेरा वालिये,
ज्योता वालिये, पहाड़ा वालिये,
मेहरा वालिये,
तुने मुझे बुलाया शेरावालिये,
मैं आया मैं आया शेरा वालिये ॥
ओ प्रेम से बोलो – जय माता दी,
ओ सारे बोलो – जय माता दी,
अम्बे कल्याणी – जय माता दी,
ओ कष्ट निवारे – जय माता दी,
माँ पार लगादे – जय माता दी,
देवी माँ भोली – जय माता दी,
भर दे झोली – जय माता दी,
माँ जोड़े दर्पण – जय माता दी,
हमें देके दर्शन – जय माता दी,
बोलो जय माता दी – जय माता दी ॥