आज मिथिला नगरिया निहाल सखिया, चारों दूल्हा में बड़का कमाल सखिया लिरिक्स

आज मिथिला नगरिया निहाल सखिया लिरिक्स

आज मिथिला नगरिया निहाल सखिया लिरिक्स


आज मिथिला नगरिया निहाल सखिया,
चारों दूल्हा में बड़का कमाल सखिया ॥

माथेमडी मोरिया कुंडल सोहे कनुआ,
कारी कारी कजरारी जुल्मी नयनवा,
लाल चंदन सोहे इनके भाल सखियां,
चारों दूल्हा में बड़का कमाल सखिया ॥

श्याव श्याव गोरे-गोरे जुड़िया जहान है ,
अखियो ने देख ली हा सुन ली हा कान है ,
जुगे जुगे जोड़ी जिए बेमिसाल सखिया,
चारों दूल्हा में बड़का कमाल सखिया ॥

गगन मगन आज मगन धरतीया,
देखी देखी दूल्हा जी के सांवरी सुरतिया,
बाल वृद्ध नर नारी सब बेहाल सखियां,
चारों दूल्हा में बड़का कमाल सखिया ॥

जेकरा लागी जोगी मुनि जप-तप कईलन,
से ही हमरा मिथिला में ही हमारे भाईलन,
आज लोढ़ा से सैकाई इनकर गाल सखियां,
चारों दूल्हा में बड़का कमाल सखिया ॥

आज मिथिला नगरिया निहाल सखिया,
चारों दूल्हा में बड़का कमाल सखिया ॥

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